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kaise bani hp success brand - story in hindi















कंपनी                   -                      हेवलेट पैकार्ड 
स्थापना                -                       1939 
संस्थापक              -                       डेविड पैकार्ड ,विलियम हेवलेट 
मुख्यालय              -                       पलो आल्टो , अमेरिका 



hp इस नाम से आज कोई भी शख्स अनजान नही है electronics brands का यह जाना - माना नाम आज लाखों लोगो की पसंदीदा ब्रांड है। हो सकता है आप यह artical इस वक़्त hp के ही किसी computer , laptop ,या , mobile में पढ़ रहे हो। दो दोस्तों के जूनून ,संघर्ष और सफलता की कहानी ,सवा तीन लाख कर्मचारियों का multinational IT corporation हेवलेट पैकर्ड (hp)कैसे उन्होंने की शुरुवात और कैसे बनाया इसे electronics world का चमकता सितारा , पढ़िए आगे . . .



बिल और डेविड की जोड़ी का कमाल

 

20 मई 1913 को मिशिगन (us)में जन्मे विलियम रेडिङ्गटन हेवलेट उर्फ़ बिल हेवलेट के पिता स्टेनफोर्ड मेडिकल स्कूल में principle थे। जब हेवलेट 12 साल के थे ,तब ब्रेन ट्यूमर से उनके पिता का निधन हो गया। stenford university ने उनके पिता की सेवा को ध्यान में रख कर उन्हें नि:शुल्क edication देने का निर्णय लिया। 1934 में बिल हेवलेट ने यही से बैचलर डिग्री प्राप्त की और 1936 में MIT से मास्टर डिग्री ली।  यहाँ electrical engineering पढ़ते हुए उनकी दोस्ती डेविड पैकर्ड से हुई। पुब्लो कोलोरोडो  में जन्मे डेविड के पिता एर्टनी थे। foottball व basketball में छात्र जीवन में खूब वाहवाही बटोरने वाले पैकर्ड ने 1934 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी  स्नातक डिग्री हासिल करने के बाद general electric ज्वाइन किया। पैकर्ड को बचपन से ही electronics में रूचि थी। 1938 में  उन्होंने एलेक्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की मास्टर  डिग्री के लिए एक बार फिर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। 

1938 में पैकर्ड ने अपनी प्रेमिका लूसिले से विवाह किया फिर उन्होंने पलो आल्टो में अडिसन एवेन्यू में एक मकान रेंट पर लिया। आज यहाँ सिलिकॉन वेल्ली है पर तब खेत -खलिहान व farm houseथे।  इस मकान के groundfloor पर स्थित 200 वर्गफीट के गैराज में दोनों दोस्तों ने एक workshop बनाई। इसके बाद मसल्स को activate करने वाले electrical device बनाने की अनुमति लेने व स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के proffecer फ्रेडरिक टेरमन के पास पहुंचे। उन्होंने हेवलेट को ऑडियो अॅसिलटोर के negative feedback पर काम  सलाह दी। technologhy expertहेवलेट ने नई तकनीक का असिलेटर बनाया।  management व marketing  माहिर पैकर्ड इसे लेकर वाल्ट डिज्नी स्टूडियो पहुँच गए। 
 डिज्नी को यह नया device बेहद पसंद आया। चूँकि इसका मूल्य था 71.50 dollar जबकि मार्किट में मौजूद डिवाइस का मूल्य था 400 डॉलर डिज्नी स्टूडियो ने 1940 में रिलीज animation movie फेंटासिया के साऊँड़ ट्रैक पर इनका useकिया। हेवलेट व पैकर्ड ने 538 doller कमाए। इसे सीड कैपिटल बनाकर दोनों दोस्तों ने company  निर्णय लिया। दोनों frirst अछर से कंपनी का नाम ' hp ' या ' ph 'तय करने के लिए सिक्का उछला गया और जन्मा - hp (हेवलेट पैकर्ड ) ब्रांड। 


apple से yahoo तक hp के follower 

 

hpसिलिकॉन वेल्ली को साहहयोगिओं की care व ideas  प्रोत्साहन , दीवारों के कस्टमबिलट दफ्तर ,flexi time ,हाइरार्की और प्रोटोकॉल से मुक्ति ,firstname सम्बोधन और स्टॉक ऑप्शन जैसा प्रोत्साहक work culture मिला है जिसने  वेल्ली को बेहतरीन work palace  बनाया है। स्टीव जॉब्स 12 साल की उम्र में फ्रीक्वेंसी counter बना रहे थे तो telephone directery से ख़ॉज करके उन्होंने हेवलेट को कॉल किया कुछ पार्ट्स मांगे। उस वक़्त स्टीव जॉब्स की उम्र जानकर हेवलेट हँसे ,पर उन्होंने उनकी मांग पूरी कर दी। apple के सहसंस्थापक स्टीव वजनिएक ने भी hp में नौकरी करते हुए एप्पल वन computer बनाया। 


top 10 आईटी ब्रांड्स में hp

 

second world war  दौरान hp ने ,रेडिओ सोनार ,राडार ,नॉटिकल और अवेअसन devices बनाये। युद्ध  बाद तकनिकी क्रांति हुई ,जिसमे hp का योगदान था - electronic testing और maserment devices . hp ने ही दुनिया को पहला हैंडहेल्ड साइंटिपिक इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर (hp-35)दिया। 1984 में company ने inkjet व laser printer बनाना शुरू किये। 2007 में hp दुनिया की सबसे बड़ी pc निर्माता कंपनी  गई। 2013 में यह हैसियत hp से lenovo ने छीन ली ,पर hp आज भी hp printers ,hp scanners , hp digitel camera ,कैलकुलेट , पीडीए सर्वेर्स ,work station ,hp computers व छोटे bussinessmans के कम्प्यूटर्स के लिए सारी दुनिया में मशहूर है। hp ने कई software भी devlop किये हैं। आज hp दुनिया के top 10 आईटी ब्रांड में से एक है और सालाना 110 billion dollar से ज्यादा का कारोबार कर रहा है। 



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